आयुर्वेदिक बॉडी सप्लिमेंट्स बनाने के फायदे
- प्राकृतिक और सुरक्षित: ये सप्लिमेंट्स रासायनिक तत्वों से मुक्त होते है, इसलिए इनके साइड इफेक्ट का खतरा नई होता है।
- शरीर को पोषण प्रदान करना: आयुर्वेदिक सामग्री शरीर को जरूरी विटामिन, खनीज और प्रोटीन प्रदान करती है।
- लंबे समय तक प्रभाव: इनके सेवन से शरीर की परतिरोधक क्षमता और मेटा बोलीजुम सुधरता है।
आवश्यक सामग्री
आयुर्वेदिक बॉडी सप्लिमेंट्स बनाने के लिए नीचे दी गई सामग्री की जरूरत होगी:- अश्वगंधा पाउडर: यह शरीर की ऊर्जा और स्टेमिना बड़ाने मे मदत करता है।
- शतावरी पाउडर: यह पाचन शक्ति को सुधरता है और हार्मोन बैलन्स करता है।
- गिलोय पाउडर: रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ाने मे सहायक।
- सोंठ: पाचन और मेटा बोलीजुम के लिए फायदेमंद।
- अलसी के बीज: ओमेगा-3 फैट ऐसिड और प्रोटीन का स्रोत।
- बादाम और अखरोट: शरीर को ताकत देने वाले सूखे मेवे।
- गुड या शहद: प्राकृतिक मिठास के लिए।
आयुर्वेदिक बॉडी सप्लिमेंट्स बनाने की विधि
सामग्री तैयार करे:
- सभी जड़ी-बूटियों ( असवगंधा, शतवारी,गिलोय, और सोंठ ) का पाउडर तैयार करे। इन्हे बाजार से खरीद सकते है या घर पर सूखा कर ग्राइन्डर मे पीस सकते है।
- अलसी के बीजों का हल्का भूनकर पीस ले।
- बादाम और अखरोट को बारीक काट ले।
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मिक्सिनग प्रक्रिया:
- एक बाउल मे अश्वगंधा पाउडर, शतवारी पाउडर, गिलोय पाउडर, और सोंठ पाउडर मिलाए।
- इससे भुने हुए अलसी के पाउडर और कटे हुए सूखे मेवे डाले।
- मिश्रण मे गुड का चूर्ण या शहद मिलाए।
लड्डू या पाउडर तैयार करे:
- अगर मिश्रण गीला हो तो छोटे-छोटे लड्डू बनाए।
- अगर मिश्रण सूखा हो तो एयर टाइट कंटनेर मे पाउडर के रूप मे स्टोर करे।
स्टोरेज:
- लड्डू को फ्रिज मे रखे। ये 15-20 दिन तक ताजे रहते है।
- पाउडर को 3-3 महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
सेवन का तरीका
- लड्डू: रोज सुबह नाश्ते के साथ 1-2 लड्डू खाए।
- पाउडर: 1 स्पून पाउडर दूध या गरम पानी के साथ ले।
सावधानिया
- डॉक्टर की सलाह ले: अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त है या दवा ले रहे है तो सप्लिमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करे।
- अधिक मात्रा मे सेवन न करे: हर चीज की अति हानिकारक हो सकती है।
- सटीक सामग्री का चयन करे: शुद्ध और जेवीक सामग्री का उपयोग करे।