एलोवेरा का आयुर्वेद मे महत्व
आयुर्वेद के अनुसार, एलोवेरा तीनों दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने में सहायक होता है। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है, रक्त को शुद्ध करता है और पाचन क्रीया को सुधारने मे सहायक होता है।एलोवेरा के आयुर्वेदिक उपयोग
त्वचा संबंधित समस्याओ के लिए
एलोवेरा जेल त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करता है और जलन, खुजली, एकीजमा और सोरायसिस जैसी समस्या से राहत दिलाता हैं।- मुँहासों के लिए: एलोवेरा जेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुँहासों को कम करने में सहायक होते हैं।
- झुरीयों और दाग-धब्बों के लिए: इसका नियमित उपयोग त्वचा को जवान बनाए रखने में मदद करता है।
पाचन तंत्र के लिए
एलोवेरा जूस पाचन क्रीया को बेहतर बनाता है और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। यह शरीर से गंदे पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।- कब्ज के लिए: एलोवेरा का सेवन आंतों की सफाई करता है और मल त्याग को सुचारु बनाता है।
- एसिडिटी के लिए: इसमें मौजूद एंटी-इंफलेमेन्टरी गुण पेट की जलन को कम करने मे सहायक होते हैं।
बालों के लिए लाभकारी
एलोवेरा बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झड़ना कम करता है। यह डैंड्रफ से भी राहत दिलाता है।- बालों के झड़ने के लिए: एलोवेरा जेल को नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाने से बाल मजबूत होते हैं।
- डैंड्रफ के लिए: इसमें मौजूद एंटी-फंगल गुण डैंड्रफ को खतम करने में मदद करते हैं।
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रोग परतिरोधक बढ़ाने मे सहायक
एलोवेरा जूस शरीर की रोग परतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव करता है।मधुमेह नियंत्रित में सहायक
एलोवेरा का नियमित सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है।एलोवेरा का सेवन कैसे करें?
- एलोवेरा जूस: रोज सुबह खाली पेट 20-30 मिलीलीटर एलोवेरा जूस का सेवन करें।
- एलोवेरा जेल: इसे सीधे त्वचा या बालों पर लगाया जा सकता है।
- एलोवेरा का पेस्ट: इसे शहद या हल्दी के साथ मिलाकर विभिन्न त्वचा और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जा सकता है।